देश के ये चारों जांबाज अंतरिक्ष में लहराएंगे भारत का परचम, जानें इनके जीवन की कहानी

देश के ये चारों जांबाज अंतरिक्ष में लहराएंगे भारत का परचम, जानें इनके जीवन की कहानी
फाइल फोटो

डेली न्यूज मिरर

नई दिल्ली (27 फरवरी 2024)

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गगनयान मिशन में शामिल चारों अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का ऐलान कर दिया है। गगनयान मिशन को वर्ष 2025 में लॉन्च किया जाएगा और इसके तहत दो से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। ये चारों भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं। इस खास मिशन के लिए चारों ने रूस जाकर ट्रेनिंग की है, इन चारों की फिलहाल ट्रेनिंग चल रही है।

भारतीय वायुसेना से जुड़े हैं चारों अंतरिक्ष यात्री

मिशन गगनयान पर जाने वाले चारों अंतरिक्ष यात्री भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं। अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों के दल में ग्रुप कमांडर प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन, विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। सभी अंतरिक्ष यात्री भारतीय वायुसेना से जुड़े हैं, रूस में ले रहे हैं ट्रेनिंग 

चारों अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन की खास बातें

• प्रशांत बालकृष्णन नायर

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर मूल रूप से केरल से ताल्लुक रखते हैं। ग्रुप कैप्टन नायर 47 वर्ष के हैं। नायर ने अपनी स्कूली शिक्षा कुवैत से पूरी की। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक की डिग्री हासिल की है। उन्होंने वहां 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' हासिल कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। साल 1999 में नायर बतौर कमीशन अधिकारी वायु सेना में शामिल हुए, बतौर पायलट वो सुखोई युद्धक विमान भी उड़ा चुके हैं।

• शुभांशु शुक्ला

गगनयान मिशन पर जाने वाले चार अंतरिक्ष यात्रियों के दल में एक विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। वह रूस की राजधानी मॉस्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग हासिल की है।

• अजीत कृष्णन

ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन उन चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं जिन्हें इस मिशन के लिए खास तौर पर चुना गया था।

• अंगद प्रताप

इसरो के मुताबिक ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने ग्रुप के अन्य तीन सदस्यों के साथ रूस में इस मिशन के लिए ट्रेनिंग ली है।

क्या है मिशन गगनयान

मिशन गगनयान भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है, जो यात्रियों को कुछ समय के लिए अंतरिक्ष के निम्न कक्षा में लेकर जाएगा। इस मिशन को साल 2025 में लॉन्च किया जाएगा। इसके तहत दो से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष के निम्न कक्षा में 400 किलोमीटर तक भेजा जाएगा।।