बिहार में बहार है बस गरीब लाचार है, डीएम साहब भी डॉक्टर को नहीं बुला पाए अस्पताल!

बिहार में बहार है बस गरीब लाचार है, डीएम साहब भी डॉक्टर को नहीं बुला पाए अस्पताल!

डेली न्यूज मिरर
कैमूर (08 मार्च 2024) , रिपोर्ट: ब्रजेश दुबे 

कैमूर जिलांतर्गत मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल सदैव ही अपनी कुव्यवस्था के कारण सुर्खियों में रहता है। मुख्य सड़क और रेलवे स्टेशन के नजदीक होने के बावजूद अक्सर डॉक्टर अनुपस्थित पाए जाते हैं।

मोहनिया अनुमंडल अस्पताल में अपनी मां को लेकर एक गरीब युवक ( मुकेश कुमार, स्थानीय निवासी) दो घण्टे तक गिड़गिड़ाता रहा लेकिन किसी ने उसकी एक ना सुनी। ऐसे में मजबूर गरीब परिवार अपनी मां को निजी साधन से निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गया। गरीब परिवार मोहनिया प्रखंड के लहूरवारी गांव का मुकेश कुमार बताया जा रहा है। मुकेश बुधवार दोपहर अपनी बीमार मां को इलाज के लिए मोहनियां अनुमंडलीय अस्पताल लाया था। दो घंटो के इंतजार के बाद भी जब कोई डॉक्टर नही आया तो मजबूर होकर वह अपनी मां को निजी अस्पताल ले गया। अपनी दर्द को बयां करते हुए मुकेश ने बताया कि मैं पिछले दो घंटे से अपनी मां को इलाज के लिए लेकर आए हूं। लेकिन यहां न कोई डॉक्टर है और न ही कोई इलाज हो रहा है। मेरी मां दर्द से छटपटा रही है। सरकारी अस्पताल गरीबों के लिए होता है लेकिन हमारी यहां कोई नही सुन रहा है। हमने डीएम साहब से भी बात की लेकिन उसके बाद भी कोई डॉक्टर यहां नही आए।

जिलाधिकारी ने फोन पर क्या कहा

मुकेश ने बताया कि जब मैंने डीएम साहब को फोन किया तो उन्होंने कहा कि " मैं आपको तत्काल मदद मुहैया कराता हूं"। लेकिन कुछ देर बीत जाने के बाद भी कोई डॉक्टर नही आया तो मजबूरन अपने निजी वाहन से मां को निजी अस्पताल ले जाना पड़ा। आपको बता दें कि कैमूर के वर्तमान जिलाधिकारी सावन कुमार हैं। वहीं ट्रामा सेंटर में तैनात नर्सिंग स्टाफ सूर्यभान ने बताया कि जिस डॉक्टर की ड्यूटी दोपहर दो बजे से थी वह नही आए है। हमने सभी को सूचना दे दिया है लेकिन अभी तक कोई आया नहीं। इसके बाद शाम चार बजे मरीज को लेकर उनके परिवार निजी क्लीनिक चले गए।।