10वीं पास होने के बाद गरीबी के कारण 11 साल बाद किया बारहवीं, 42 साल की उम्र में UPSC क्लियर कर किया कमाल
महेश के पिता गांव गांव घूमकर साइकिल पर बेचा करते थे दाल चावल।
डेली न्यूज़ | mirror
मुजफ्फरपुर, बिहार | वृहस्पतिवार, 18 अप्रैल 2024
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के होनहार महेश के परिवार में 7 भाई बहन हैं, बचपन में गरीबी इतनी थी की 7 भाई बहनों के परिवार को बमुश्किल 2 वक्त की रोटी नसीब होती थी। लेकिन महेश ने परिस्थितियों से हारकर हिम्मत नहीं हारी और लगन से मेहनत करते रहे। उसी का नतीजा अब महेश को 42 साल की उम्र में मिला है, जहां उन्होंने गरीबी में संघर्ष करते हुए देश के सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में लास्ट रैंक(1016) लाकर सबके सामने एक मिशाल कायम की है।
वर्तमान में महेश कुमार शेखपुरा जिला न्यायालय में बेंच क्लर्क की नौकरी कर रहे हैं। महेश ने 10वीं की परीक्षा 1995 में पास करने के बाद पैसों के अभाव में पढ़ाई छोड़ दी, फिर उन्होंने हिम्मत कर के फिर से 2008 में 12वीं पास किया और फिर 2011 में ग्रेजुएशन करने के बाद TET परीक्षा पास कर नियोजित अध्यापक बनें। फिर आर्थिक तंगी खत्म होने के बाद उन्होंने विभिन्न परीक्षाओं में अपना परचम लहराया और अब यूपीएससी 2023 की परीक्षा में 1016वीं रैंक लाकर सभी के लिए एक मिशाल कायम कर दी है।।
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