संत प्रेमामंद महाराज की तबियत अचानक बिगड़ने के बाद अस्पताल में कराए गए थे भर्ती, अब पूरी तरह स्वस्थ
डेली न्यूज़ | mirror
वृंदावन | शनिवार,13 अप्रैल 2024
संत प्रेमानंद महाराज की तबियत शुक्रवार रात अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें वृंदावन के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनको सीने में दर्द की शिकायत थी। उनकी तबियत अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। उन्होंने अपनी हर रोज की दिनचर्या के हिसाब से काम किया, परिक्रमा किया, लोगों को दर्शन दिए, और सत्संग भी किया. वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के आचार्य ने उन्हें तात्कालिक हास्पिटल में दाखिल करवाया था, जहां डॉक्टरों ने उनकी देखभाल की।
संत प्रेमानंद महाराज भारत के मशहूर कथावाचक हैं। वे वृंदावन में निवास करते हैं और उनके भजन और सत्संग को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। उनके दर्शन करने के लिए भी कई बड़े लोग आते रहते हैं। वर्तमान में संतों में उन्हें श्रेष्ठ माना जाता है।
प्रेमानंद महाराज के जीवन के रहस्यमयी पहलुओं को जानने के लिए निम्नलिखित बातें हैं:
जन्म और परिवार: प्रेमानंद महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर के निकट अखरी गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री शंभू पाण्डेय और माता का नाम श्रीमती रामा देवी था।
संन्यासी जीवन: प्रेमानंद जी ने 13 वर्ष की आयु में अपना पैतृक निवास स्थान छोड़कर संन्यास ले लिया था। उनका आश्रम वृंदावन में स्थित है।
भक्ति और सत्संग: प्रेमानंद महाराज के भजन और सत्संग में लोग दूर-दूर से आते हैं। उनकी प्रसिद्धि व्यापक है और उनके द्वारा कही गई बातें करोड़ भारतीय के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
आध्यात्मिक सूक्ष्मताओं के साथ वार्तालाप: प्रेमानंद महाराज अपने सत्संग और साधकों के साथ एकांतिक वार्तालाप में उनके किसी भी प्रश्न को आध्यात्मिक सूक्ष्मताओं के साथ बहुत ही सरल तरीके से समझाते हैं।
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