राज्य संसाधन केंद्र उ.प्र. द्वारा प्रौढ़ शिक्षा पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ संपन्न

राज्य संसाधन केंद्र उ.प्र. द्वारा प्रौढ़ शिक्षा पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ संपन्न

Daily News Mirror

प्रयागराज| 24 अगस्त 2024| आशीष तिवारी

राज्य संसाधन केन्द्र, उ.प्र. इण्डिया लिटरेसी बोर्ड, लखनऊ द्वारा प्रयागराज, ब्लॉक- मांडा, ग्राम पंचायत- धनावल में संचालित साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 12 साक्षरता केन्द्रों के सफल संचालन हेतु आर्थिक अनुसंधान केन्द्र के परिसर में चयनित किए गए प्रेरकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन निदेशक सन्ध्या तिवारी के निर्देशन एवं सदस्य श्री हरि गोविंद के नेतृत्व में किया गया। 

इस ग्राम पंचायत में कुल 12 मोहल्ले हैं, जिसकी कुल आबादी लगभग 4015 है, जिसमें अनुसूचित जाति की महिलाएं लगभग 1000 व पुरूष लगभग 1087 और पिछड़ा वर्ग की महिलाएं लगभग 300 व पुरूष लगभग 383 हैं। ग्राम पंचायत धनावल में कुल 900 महिला एवं 2115 पुरूष असाक्षर हैं।

कार्ययोजना के अनुसार ग्राम पंचायत में 12 साक्षरता केन्द्रों का शुभारम्भ 8 सितम्बर, 2024 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (आईएलडी) के अवसर पर किया जाना है। ये साक्षरता केन्द्र छः माह की अवधि के लिए संचालित कर पंजीकृत लाभार्थियों की परीक्षा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एन.आई.ओ.एस.) के माध्यम से संपन्न कराई जाएगी। प्रत्येक केंद्र पर 20 असाक्षर महिलाओं व पुरुषों को नई किरन प्रवेशिका के माध्यम से कुल 240 असाक्षर लाभार्थियों को साक्षर किया जाएगा। 

राज्य संसाधन केन्द्र, उ. प्र. के प्रशासनिक अधिकारी श्री दिनेश सिंह एवं प्रोग्राम फैसिलिटेटर श्री नवीन कुमार द्वारा प्रेरकों को केन्द्र पर असाक्षर लाभार्थियों को सुचारू रूप पठन-पाठन कराने हेतु साक्षरता मानकों के अनुरूप पढ़ना, लिखना, गणित एवं प्रौढ़ शिक्षा पर आधारित नई किरन प्रवेशिका के पाठों को क्रमवार तरीके से पढ़ाने हेतु प्रशिक्षित किया गया। 

ग्राम पंचायत धनावल में प्रेरक प्रतिभा पाण्डेय, अर्चना देवी, सविता देवी, कुन्ती, सीता देवी, आँचल मिश्रा, गुड़िया, शीला देवी, रामरति, सलिता, सुखरंजना एवं सविता द्वारा साक्षरता केन्द्र का संचालन करते हुए लाभार्थियों को पठन-पाठन एवं शिक्षण कार्य छ: माह की आवधि में कराया जाएगा। 

प्रशिक्षण के उपरांत प्रेरकों को लाभार्थियों के सापेक्ष पठन-पाठन समाग्री के अतिरिक्त वित्तीय साक्षरता, चुनावी साक्षरता, विधिक साक्षरता, आपदा प्रबंधन एवं 30-30 प्रतियाँ प्रोटोटाइप पुस्तकें भी प्रदान की गई, जिससे असाक्षर लाभार्थियों को नियमित पठन-पाठन के अतिरिक्त जानकारी भी प्रदान की जाएं। कार्यक्रम में उक्त पंचायत के समाजसेवी योगेंद्र सिंह का भी विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।