2024 के सियासी महासंग्राम में भदोही का नायक कौन? | डेली न्यूज मिरर की विशेष रिपोर्ट

2024 के सियासी महासंग्राम में भदोही का नायक कौन? | डेली न्यूज मिरर की विशेष रिपोर्ट

Daily News Mirror

भदोही | शुक्रवार 8 मार्च 2024 | मयंक कुमार

लोकसभा चुनाव 2024 का सियासी बिगुल बज गया है। राजनीतिक हलचलें तेज हो गई है। राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग लोकसभा सीटों पर जातीय एवं सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर रही है। ऐसे में देश का सबसे बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश काफी चर्चा में है, और हो भी क्यों ना क्योंकि सियासत के सभी माहिर खिलाड़ी जानते हैं कि दिल्ली का रास्ता तो उत्तर प्रदेश और बिहार से होकर ही गुजरता है। इस खास स्टोरी में हम आपको उत्तर प्रदेश के भदोही लोकसभा सीट से अवगत कराएंगे।

भदोही लोकसभा सीट का इतिहास

भदोही लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश राज्य के 80 लोकसभा सीटों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 2002 में गठित भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर साल 2008 में अस्तित्व में आया। भदोही लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनके नाम हैं प्रतापपुर, हंडिया, भदोही, ज्ञानपुर और औराई। 

लोकसभा क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आने के बाद से ही यह क्षेत्र सुर्खियों में रहा और इसका सबसे बड़ा कारण रहा यहां का जातीय एवं सामाजिक समीकरण। आपको बता दें कि साल 2009 में यहां बहुजन समाज पार्टी के गोरखनाथ पांडे जीतकर सदन पहुंचे, लेकिन उसके बाद से इस सीट पर फिर बसपा की वापसी नहीं हुई। 2014 में भदोही लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का जादू चला और वीरेंद्र सिंह मस्त ने विजय हासिल की और 41.10% मत प्राप्त कर सदन में पहुंचे। दूसरे पायदान पर रहे बसपा के राकेश धर त्रिपाठी इन्हें 25% मत प्राप्त हुआ। तीसरे पायदान पर साइकिल पर सवार सीमा मिश्रा रहीं और इन्हें कुल 24.30 % मत प्राप्त हुआ।

लोकसभा चुनाव 2019 में भी इस सीट पर नरेंद्र मोदी और भगवा ध्वज का जादू चला और बीजेपी के प्रत्याशी रमेशचंद बिंद 49.05 % मत प्राप्त कर सदन में पहुंचे। दूसरे पायदान पर हाथी की सवारी कर रहे रंगनाथ मिश्र रहे और इन्हें कुल 44.85% मत प्राप्त हुआ। तीसरे पायदान पर रहे कांग्रेस के रमाकांत यादव जिन्हें महज 2.46 % मत प्राप्त हुए।

ये तय करते हैं भदोही की सियासत

भदोही लोकसभा सीट पर यदि सियासी समीकरण देखें तो यहां कुल आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक तकरीबन 1,578,213 है। इसमें पुरषों की संख्या 807,099 और महिलाओं की तादाद 771,114 है। कुल आबादी में 45 % अक्लियत वर्ग के लोग हैं। दूसरे पायदान पर पिछड़े वर्ग के लोग हैं। इसके ब्राह्मण और दलित आबादी है। यहां ब्राह्मणों की आबादी लगभग 03 लाख 15 हजार, बिंद की आबादी 2 लाख 90 हजार, दलित 2 लाख 60 हजार, यादव 1 लाख 40 हजार पटेल 75 हजार, पाल 85 हजार, वैश्य 1 लाख 40 हजार, राजपूत 1 लाख, मौर्या 95 हजार अन्य डेढ़ लाख एवं अकलियत समाज की आबादी 2.50 लाख है।

2024 लोकसभा चुनाव को लेकर क्या कहती है भदोही की जनता

भदोही की जनता ने "डेली न्यूज मिरर" से खास बातचीत में कहा कि वह चाहते हैं कि भाजपा यहां से किसी भी स्थानीय नेता को प्रत्याशी बनाए। उन्होंने कहा कि सबसे तकलीफ की बात है कि यहां प्रत्याशी बाहर से लाए जाते हैं जबकि हमारे स्थानीय स्तर पर ही कई योग्य एवं संघर्षशील कार्यकर्ता हैं जो मैदान में उतर सकते हैं और जीत हासिल कर सकते हैं। स्थानीय लोगों एवं मतदाताओं ने कहा कि यह भाजपा का गढ़ है, 2009 के बाद से ही यहां हमलोग भाजपा के पक्ष में मतदान करते आ रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में हम भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष आलाकमान से कहना चाहते हैं कि किसी भी स्थानीय कार्यकर्ता को भदोही का प्रत्याशी बनाया जाए। सख्त लहजे में मतदाताओं ने यह भी कहा कि यदि भाजपा किसी बाहर के नेता को यहां प्रत्याशी बनाएगी तो हमलोग दल पर नहीं बल्कि स्थानीय नेता के चेहरे पर मतदान करेंगे और भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे।

भदोही सीट से प्रत्याशियों के रेस में ये नाम सबसे आगे

जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं सियासी गहमागहमी तेज होती जा रही है। भदोही लोकसभा सीट पर भाजपा खेमे की बात करें तो इसमें मुख्य रूप से मौजूदा सांसद रमेश बिंद, पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र, पूर्व मंत्री मदनलाल बिंद, पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडे, राजेश मिश्रा, पूर्व विधायक रविंद्र नाथ, मंझवा विधायक विनोद बिंद की पत्नी और सपना दुबे का नाम शुमार है। साथ ही कहा जा रहा है कि भदोही लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन की तरफ से तृणमूल कांग्रेस चुनाव लड़ेगी और ललितेश पति त्रिपाठी यहां से उम्मीदवार होंगे।

हैट्रिक लगाने की तैयारी में बीजेपी

भारतीय जनता पार्टी भदोही लोकसभा सीट की अहमियत को बखूबी जानती है और भाजपा आलाकमान को यह भी मालूम है कि इस सीट के जीतने का मतलब है कि पूरे पूर्वांचल पर निशाना। भाजपा भदोही की किला को साल 2014 और 2019 में भेद चुकी है और 2024 में हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुटी है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन इंडिया गठबंधन भी डटकर मुकाबला करने के मूड में है। कहा जा रहा है कि यह सीट 'ममता दीदी' यानी तृणमूल कांग्रेस के खाते में जाएगी और यहां से ललितेश पति त्रिपाठी कांग्रेस, सपा और टीएमसी के साझा उम्मीदवार होंगे।

इस पूरे सियासी गणित में मायावती भी पीछे नहीं है। इस सीट पर साल 2009 में जीत का स्वाद चख चुकी है 'बहन जी', और यहां का सामाजिक और जातीय समीकरण बहन जी को इस सीट पर और अधिक मजबूत करता है क्योंकि आंकड़े के मुताबिक यहां अकलियत समाज की बड़ी आबादी है और साथ ही दलित आबादी भी है। ऐसे में मायावती और बहुजन समाज पार्टी के लिए यह सीट उनके पसंदीदा सीटों में से एक है।

हस्तकला एवं कलाकारी के लिए मशहूर भदोही

भदोही के भौगोलिक स्थिति को देखें तो पूरब में वाराणसी और पश्चिम में प्रयागराज जिला है। उत्तर में जौनपुर और दक्षिण में मिर्जापुर जिला है। भदोही का मुख्यालय शहर ज्ञानपुर है और भदोही कालीन निर्माण एवं हस्तकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है।।