Exit polls: अबकी बार किसकी सरकार, किसकी जीत किसकी हार| जानें भारत में एग्जिट पोल का इतिहास, प्रक्रिया और सटीकता

Exit polls: अबकी बार किसकी सरकार, किसकी जीत किसकी हार| जानें भारत में एग्जिट पोल का इतिहास, प्रक्रिया और सटीकता

डेली न्यूज़ मिरर

नई दिल्ली| 1 जून 2024| शक्ति तिवारी

लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण का मतदान आज सायं संपन्न हो जायेगा। जिसके बाद विभिन्न मीडिया ग्रुप्स और संस्थाओं द्वारा एग्जिट पोल के माध्यम से चुनाव परिणामों का आकलन किया जायेगा। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार अब एग्जिट पोल के परिणाम मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही दिखाया जा सकता है। आइए जानते हैं एग्जिट पोल के बारे में सब कुछ।

एग्जिट पोल का इतिहास: भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 1957 में हुई थी, जब इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने दूसरे लोकसभा चुनावों के दौरान एक पोस्ट-पोल सर्वेक्षण किया था। औपचारिक रूप से, 1996 में सरकारी प्रसारक दूरदर्शन ने देश भर में एग्जिट पोल आयोजित करने के लिए सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज को नियुक्त किया था।

एग्जिट पोल कैसे होता है: एग्जिट पोल एक चुनावी सर्वे होता है जो मतदान के दिन किया जाता है। इसमें मतदान करके बाहर निकले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है। इस तरह से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनावी नतीजे क्या होंगे।

एग्जिट पोल की सटीकता: एग्जिट पोल की सटीकता विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि नमूना आकार, मतदान केंद्रों का चयन, और मतदाताओं की प्रतिक्रिया। भारत में, एग्जिट पोल कभी-कभी बहुत सटीक होते हैं, लेकिन कई बार वे वास्तविक परिणामों से भिन्न होते हैं।

एग्जिट पोल का महत्व इसमें है कि यह चुनावी नतीजों का एक प्रारंभिक अनुमान प्रदान करता है और राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, और मतदाताओं को एक झलक देता है कि चुनावी हवा किस दिशा में बह रही है। हालांकि, इसके परिणामों को सावधानीपूर्वक देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह केवल एक अनुमान है और अंतिम परिणामों का सटीक प्रतिबिंब नहीं हो सकता।