डीघ ब्लॉक के इटहरा में श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु

डीघ ब्लॉक के इटहरा में श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
Photo: आचार्य कृष्णाशीष शास्त्री

डेली न्यूज़ | mirror

भदोही | 31 अप्रैल 2024 

डीघ ब्लॉक के इटहरा गांव में 27 मार्च से प्रारम्भ हुई सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्म की कथा व्यास कृष्णाशीष शास्त्री से सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु, पूरा पंडाल जयकारों से गूंज उठा।

काशी से पधारे कृष्णाशीष शास्त्री महाराज ने कथा में कहा व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। सात दिवसीय7 श्रीमद्भागवत कथा आयोजन के पंचम दिवस पर आचार्य पंडित कृष्ण आशीषशास्त्री ने यह बात कही,श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया,श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे कोनिया के इटहरावासी।

कथा व्यास आचार्य कृष्णाशीष शास्त्री महाराज ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा,श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे,श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे। एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई, एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां बाटी गई , सुशील पोहिला ने पांडाल में उपस्थित सभी भक्तो को राधा नाम मुद्रित अंगवस्त्र पहना कर जन्मोत्सव की खुशियां मनाई।

इस सप्तदिवसिय कथा के व्यास पण्डित कृष्णाशीष शास्त्री महाराज काशी,कुलगुरू पंडित शशिकांत शुक्ला के साथ वैदिक ब्राह्मणों द्वारा इस कार्यक्रम का अनुष्ठान किया जा रहा है। इस अवसर पर यजनान राजेन्द्र प्रसाद, रमेशचन्द्र सहित बड़ी संख्या में सनातनी श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।।