बहुत कठिन डगर है इस पीपापुल की, धनतुलसी-डेंगुरपुर घाट के संपर्क मार्ग की हालत खस्ता, कब जागेगा प्रशासन

बहुत कठिन डगर है इस पीपापुल की, धनतुलसी-डेंगुरपुर घाट के संपर्क मार्ग की हालत खस्ता, कब जागेगा प्रशासन
डेंगुरपुर-धनतुलसी क्षतिग्रस्त संपर्क मार्ग

डेली न्यूज़ | mirror

भदोही | रविवार, 14 अप्रैल 2024 | जितेंद्र कुमार पांडेय

सीतामढ़ी।

डीघ ब्लॉक के कोनिया क्षेत्र अंतर्गत धनतुलसी-डेंगूरपुर घाट पर हर साल बनने वाले पीपा पुल के घाट पर दोनों ओर के पहुंच मार्ग बेहद दयनीय स्थिति में है।अत्यंत धूल और गड्ढों से भरे हुए रास्तों से जनता अपनी जान जोखिम में डालकर आने जाने को मजबूर है। बता दें कि साल 2001 से धनतुलसी-डेंगूरपुर गंगा घाट पर शासन द्वारा पांटून ब्रिज को स्वीकृति दी गई, तब से लेकर आज तक साल के 7 महीने तक कोनिया क्षेत्रवासियों सहित आस पास के लोगों को गंगा पार आने-जाने के लिए पीपा पुल का निर्माण होता है, बरसात और बाढ़ के 5 महीने स्टीमर के द्वारा गंगा नदी के पार आवागमन करना पड़ता है। यह पीपा पुल जिले का सबसे व्यस्ततम पांटून ब्रिज है, इस पर लंबे समय से पक्का पुल बनाने के लिए भी मांग होती आई है, जन आन्दोलन भी देखने को मिला है परंतु कोई सुनवाई नही हुई। इस पुल को जोड़ने वाले घाटों के दोनों ओर के संपर्क मार्ग पर बेहद ही खतरनाक गड्ढे और धूल से भरे हुए है, जहां आए दिन कोई न कोई वाहन फसते रहते हैं।

शासन के निर्देशानुसार घाट के दोनों और संपर्क मार्ग को लोहे की चद्दर से जोड़कर गाड़ियों के सरल आवागमन के लिए बनाने का आदेश है, लेकिन घाट के दोनों किनारों पर लोहे के चद्दरों का कोई अता पता ही नहीं है। किनारों के चढ़ाई पर वाहन को सही रास्ते की जरूरत होती है तब बड़े गड्ढे और भारी बालू के साथ साथ धूल के कारण कई बार वाहन का संतुलन बिगड़ जाता है। पीपा पुल पर बिछी चद्दरो को भी सही ढंग से नहीं जोड़ा गया है, जिससे आए दिन टायर ओर टंकी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में हो रही लापरवाही किसी दिन बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकती है। क्षेत्रीय एई से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि संबंधित ठेकेदार को निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द पीपा पुल के दोनों तरफ के संपर्क मार्गों को लोहे की चद्दर बिछाकर क्लैंप के माध्यम से लॉक किया जाए जिससे आम जनता को कोई दिक्कत न होने पाए। एई ने कहा की पीडब्ल्यूडी की ओर से ठेकेदार को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि पुल पर बिछी लकड़ियों, चद्दरो, क्लैंप और सुरक्षा तारों को नियमित रूप से चेक करके सही करते रहना है जिसके लिए जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की तय की गई है, यदि कहीं कोई शिकायत है तो उसे देख कर जल्दी ही सही करवा दिया जाए, परंतु अभी तक हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं।