बलिया वसूली कांड: दरोगा पन्नेलाल की ऊपर तक थी पहुंच, सिर्फ मालदार थानों में ही करवाता था पोस्टिंग, 5 पुलिस वालों समेत फरार
Daily News Mirror
बलिया| 27 जुलाई 2024| विवेक उपाध्याय
उत्तर प्रदेश के बलिया-बिहार बार्डर के नरही थाने पर चल रहे अवैध वसूली पर जिस तरह से छापेमारी कर एक्शन लिया गया है, उससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। नरही थाने के निलंबित थानाध्यक्ष पन्ने लाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर समेत 5 आरोपी पुलिसकर्मी अभी तक फरार हैं। पुलिस भी अभी तक उनके लोकेशन नहीं ट्रैक कर पाई है। इस मामले के जांच की जिम्मेदारी आजमगढ़ एएसपी शुभम अग्रवाल को दी गई है। माना जा रहा है कि अगर फरार थानाध्यक्ष पन्ने लाल हाजिर नहीं होता तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा सकती है। पन्ने लाल का आवास सील कर दिया गया है, जिसमें काफी अहम सबूत हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि उसके आवास से एक लाल डायरी बरामद की गई है, जिसमें वसूली के सारे कच्चे चिट्ठे हो सकते हैं।
पन्ने लाल की महकमें में ऊपर तक थी पकड़
थानाध्यक्ष पन्नेलाल गोरखपुर का निवासी है। उसके गृह जनपद में तैनाती के दौरान उसके वसूली के किस्से पूरे शहर में मशहूर हैं। कहा जा रहा है की पन्नेलाल की पुलिस महकमे में ऊपर तक पहुंच थी जिसके कारण उसे हमेशा मलाईदार थाने ही मिलते रहे हैं, जहां अच्छी कमाई होती थी। पन्नेलाल वसूली के लिए अपने खास लोगों को ही ड्यूटी पर लगाता था। उसके साथ-साथ कुछ स्थानीय खास लोगों को भी वसूली में शामिल कर रखा था, जो वसूली के बाद सीधे अपने घर चले जाते थे। उनका थाने पर आना जाना मना होता था।
करोड़ों के वसूली का भांडा कैसे फूटा
यूपी-बिहार के इस बार्डर से रोजाना 1000 ट्रकें गुजरती थी, जिनसे 500 रुपए वसूला जाता था। इस हिसाब से रोज के 5 लाख रुपए और महीने के डेढ़ करोड़ रुपए वसूले जाते थे। आपको बता दें कि इस वसूली गैंग का भंडाफोड़ डीआईजी वैभव कृष्ण और वाराणसी रेंज के एडीजी ने ट्रक में खलासी बनकर किया था।
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