राजा भैया पर अनुप्रिया पटेल और अठावले के बयान से बीजेपी को फायदा या नुकसान

राजा भैया पर अनुप्रिया पटेल और अठावले के बयान से बीजेपी को फायदा या नुकसान

डेली न्यूज़ मिरर

लखनऊ| 22 मई, 2024| प्रदीप तिवारी

लोकसभा चुनाव 2024 के 5 चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं और अभी 2 चरणों के मतदान होने बाकी हैं। जिसके बाद नतीजे 4 जून को घोषित किए जायेंगे।

यूपी के 80 सीटों में से अभी 27 पर चुनाव होना बाकी है। जिसके लिए सभी पार्टी के उम्मीदवार और नेता अपनी एड़ी चोटी लगा रहे हैं। सभी पार्टियां दूसरे छोटे दलों को अपने साथ लाने की जुगत में लगी हैं। उसी क्रम में बीजेपी क्षत्रिय समाज के कद्दावर नेता राजा भैया को साधने में लगी है। परंतु केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और रामदास आठवले के बयान ने बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

यूपी की जिन 27 सीटों पर चुनाव होना बाकी है वहां क्षत्रिय मतदाताओं की बड़ी भूमिका है। खासकर प्रतापगढ़ और जौनपुर में बड़ी तादाद में क्षत्रिय मतदाता हैं। कुछ दिन पहले अमित शाह और राजा भैया की मुलाकात हुई थी जिसके ये मायने निकाले जा रहे थे कि राजा भैया बीजेपी को अपना समर्थन दे सकते हैं।

अनुप्रिया पटेल ने राजा भैया पर साधा था निशाना

कुछ दिनों पहले कौशांबी में अनुप्रिया पटेल ने कौशांबी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजा भैया पर निशाना साधते हुए कहा था कि, लोकतंत्र में अब राजा, रानी के पेट से पैदा नहीं होता बल्कि ईवीएम की बटन ये तय करती है। स्वघोषित राजाओं को लगता है कि कुंडा उनकी जागीर है। अब उनके इस भ्रम को तोड़ने का आपके पास सुनहरा अवसर है।

अनुप्रिया के इस बयान का समर्थन अब वाराणसी दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने करते हुए कहा कि अनुप्रिया ने जो कहा वो बिलकुल सही है। राजा भैया का बैकग्रांड पूरा यूपी जानता है, कुछ गुंडे जनता को गुमराह कर वोट लेकर जीतने के बाद खुद को राजा समझते हैं, पर वे राजा नहीं हैं।

राजा भैया ने अनुप्रिया के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि अब राजा या रानी पैदा नहीं होते, ये लोकतंत्र है। ईवीएम से जन सेवक आते हैं और उनका काम जनता की सेवा करना है। कुछ कुंठित लोग इस बात को नहीं समझते हैं।