जानें कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री में क्या अंतर होता है और ये किसको रिपोर्ट करते हैं
डेली न्यूज़ मिरर
नई दिल्ली| 13 जून 2024| मोहित तिवारी
मोदी सरकार 3.0 एक बार फिर से देश में अपने मंत्रियों के साथ आ गई है। आइए जानते हैं आखिर भारत में कितने प्रकार के मंत्री बनाए जाते हैं इनमें अंतर क्या है।
भारतीय मंत्रिमंडल में तीन प्रकार के मंत्री होते हैं: कैबिनेट मंत्री, कैबिनेट राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), और कैबिनेट राज्य मंत्री। इन तीनों के बीच मुख्य अंतर उनकी जिम्मेदारियों, अधिकारों और कार्यक्षेत्र में होता है।
कैबिनेट मंत्री: ये मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य होते हैं और उन्हें एक या एक से अधिक मंत्रालयों का प्रमुख बनाया जाता है। वे सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं और सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल होते हैं।
कैबिनेट राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार): ये मंत्री भी सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री की तरह बड़े मंत्रालय नहीं दिए जाते। इन्हें छोटे मंत्रालय या विशेष कार्यक्षेत्र दिए जाते हैं और वे स्वतंत्र रूप से अपने मंत्रालय का संचालन करते हैं।
कैबिनेट राज्य मंत्री: ये मंत्री कैबिनेट मंत्रियों की सहायता के लिए होते हैं और उनकी रिपोर्टिंग कैबिनेट मंत्री को होती है। वे अपने मंत्रालय के विशिष्ट क्षेत्रों का प्रबंधन करते हैं और कैबिनेट मंत्री की अनुपस्थिति में उनके कार्यों को संभालते हैं।
इन तीनों प्रकार के मंत्रियों की भूमिका और जिम्मेदारियां सरकार के संचालन में महत्वपूर्ण होती हैं और ये सभी मिलकर देश की नीतियों और कानूनों को आकार देते हैं।
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