PM मोदी ने किया नामांकन, जानें कौन 4 लोग बनें प्रस्तावक और क्या होती है प्रस्तावकों की भूमिका
डेली न्यूज़ मिरर
वाराणसी| 14 मई, 2024| सचिन मिश्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन किया। किसी राष्ट्रीय दल के सिंबल पर नामांकन करने के लिए एक प्रस्तावक की आवश्यकता होती है। परंतु मोदी के नामांकन में 4 स्थानीय नागरिक प्रस्तावक बने हैं।
आइए जानते हैं मोदी के 4 प्रस्तावकों के बारे में
पहले प्रस्तावक में पंडित गणेश्वर शास्त्री शामिल हैं, जब पीएम नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट ऑफिस में बैठे थे तब उनके बगल में शास्त्री जी को बैठे देखा गया। पं. गणेश्वर शास्त्री एक प्रकांड विद्वान माने जाते हैं। उन्होंने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त निकला था। दूसरे और तीसरे प्रस्तावक लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर जो को दलित वर्ग से आते हैं। चौथे प्रस्तावक बैजनाथ पटेल जो अन्य पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। इन प्रस्तावकों के जरिए पीएम मोदी ने सर्वसमाज के लोगों का समर्थन दिखाने की कोशिश की।
लोकसभा चुनाव में प्रस्तावकों की भूमिका
लोकसभा चुनावों में प्रस्तावकों का एक अहम किरदार होता है। प्रस्तावक वे व्यक्ति होते हैं जो उम्मीदवार के नामांकन का समर्थन करते हैं और उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं। यह प्रक्रिया उम्मीदवार के नामांकन की वैधता को सुनिश्चित करती है और यह दर्शाती है कि उम्मीदवार को स्थानीय मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है।
प्रस्तावकों की आवश्यकता और उनकी संख्या: चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, एक उम्मीदवार के लिए कम से कम एक प्रस्तावक होना आवश्यक है, जो उस विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र का पंजीकृत मतदाता हो। यदि उम्मीदवार किसी राष्ट्रीय पार्टी से है, तो उसे केवल एक प्रस्तावक की आवश्यकता होती है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार को संबंधित क्षेत्र के दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
प्रस्तावकों का चयन: प्रस्तावकों का चयन उम्मीदवार द्वारा किया जाता है और यह चयन राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से अपने नामांकन के लिए चार स्थानीय नागरिकों को प्रस्तावक के रूप में चुना, जिनमें विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि शामिल थे।
प्रस्तावकों की भूमिका: प्रस्तावक उम्मीदवार के नामांकन के समर्थन में रिटर्निंग ऑफिसर के सामने उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। यह एक औपचारिक प्रक्रिया है जिसमें प्रस्तावक उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं।
प्रस्तावकों की भूमिका लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण होती है क्योंकि वे उम्मीदवार के स्थानीय समर्थन का प्रतीक होते हैं और चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, उम्मीदवारों को अपने क्षेत्र के मतदाताओं के बीच विश्वास और समर्थन जुटाने का अवसर मिलता है।
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