CAA को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का दो टूक बयान - कभी वापस नहीं लिया जाएगा CAA
डेली न्यूज मिरर
नई दिल्ली (14 मार्च 2024)
नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) को लागू करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही है। साथ ही उन्होंने CAA को लेकर विपक्ष के सवालों पर भी करारा जवाब दिया है।
CAA की अधिसूचना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "CAA से इस देश के अल्पसंख्यकों या किसी और व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि CAA में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। CAA सिर्फ और सिर्फ तीन देश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है।"
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "अखंड भारत का जो हिस्सा थे और जिन पर धार्मिक प्रताड़ना हुई है उन्हें शरण देना मैं मानता हूं हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। जब विभाजन हुआ तब पाकिस्तान में 23% सिख और हिंदू थे आज 3.7% बच गए। वे यहां तो नहीं आए। उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे के नागरिक के नाते उन्हें रखा गया। ये लोग कहां जाएंगे? क्या देश की संसद इसका विचार नहीं करेगी? अगर मैं बांग्लादेश की बात करूं तो 1951 में वहां हिंदू आबादी 22% थी लेकिन अब आंकड़ों के मुताबिक 2011 में हिंदू आबादी घटकर 10% रह गई है, वे कहां गए?"
CAA अधिसूचना और उसके प्रावधानों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है। किसी के लिए रास्ता बंद नहीं है। यह विशेष अधिनियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि ये बिना किसी दस्तावेज़ के आए हैं। जिनके पास दस्तावेज नहीं है उनके लिए हम कोई रास्ता ढूढेंगे लेकिन जिनके पास दस्तावेज है वे अमूमन 85% से ज्यादा है। कोई समय सीमा नहीं है। आराम से समय लेकर आवेदन किया जा सकता है, भारत सरकार आपके उपलब्ध समय के अनुसार साक्षात्कार के लिए आपको कॉल करेगी। सरकार आपको दस्तावेज़ के ऑडिट के लिए बुलाएगी और आमने-सामने साक्षात्कार किया जाएगा। वे सभी लोग जिन्होंने 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 2014 के बीच भारत में प्रवेश किया है उनका यहां स्वागत है।"
CAA के बाद नागरिकता पाने वाले लोगों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "बहुत सारे लोग हैं, अभी तक कोई गिनती नहीं है। जो दुष्प्रचार चल रहा है, उसके कारण कई लोग आवेदन करने में भी संकोच करेंगे। मैं यहां आवेदन करने वाले सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार पर भरोसा रखिए आपको पूर्वव्यापी प्रभाव से नागरिकता दी जाएगी। यह कानून आपको शरणार्थी के रूप में स्वीकार कर रहा है। यदि आपने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है, तो आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं होगा। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे क्योंकि वे भारत के नागरिक बन जाएंगे।
क्या CAA के जरिए नागरिकता पाने वालों की अलग पहचान होगी, इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "वे भारत के आम नागरिक की तरह ही भारत के नागरिकों की सूची में समाहित हो जाएंगे। उन्हें भी उतने ही अधिकार होंगे जितने आपके या मेरे पास हैं। वे चुनाव भी लड़ सकते हैं, MLA, MP, मुख्यमंत्री या केंद्र सरकार के मंत्री भी बन सकते हैं।"
'क्या CAA आदिवासी क्षेत्रों की संरचना को बदलेगा' सवाल पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "जरा भी नहीं। CAA आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं करेगा या बदलेगा नहीं। हमने अधिनियम में ही प्रावधान किए हैं कि जहां भी इनर लाइन परमिट है और जो भी क्षेत्र 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां CAA लागू नहीं होगा। उन क्षेत्रों के पते वाले आवेदन ऐप पर अपलोड नहीं होगा। हमने इसे ऐप से निकाल दिया है।"
असम में CAA के कार्यान्वयन और CAA और NRC के संबंध पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "NRC का CAA से कोई लेना-देना नहीं है। असम नहीं बल्कि देश के हर हिस्से में CAA लागू होगा, सिर्फ नॉर्थ ईस्ट के वह राज्य जहां दो तरह के विशेष अधिकार दिए गए हैं, सिर्फ उन्हीं इलाकों में CAA लागू नहीं होगा। इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जहां इनर लाइन परमिट (ILP) का प्रावधान है और वे क्षेत्र जिन्हें संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिया गया है।"
विपक्षी नेताओं द्वारा यह कहे जाने पर कि अगर INDIA गठबंधन चुनाव जीतती है तो CAA को रद्द कर दिया जाएगा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "उन्हें भी पता है कि INDI गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाली है। CAA के कानून को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लाई है, इसे रद्द करना असंभव है। यह पूर्णतः संवैधानिक रूप से वैध कानून है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर कोई स्टे नहीं लगाया है। मैं उद्धव ठाकरे से पूछता हूं कि पहले वे स्पष्ट करें कि CAA लागू होना चाहिए या नहीं। अब उन्हें अल्पसंख्यकों के वोट चाहिए इसलिए वे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।"
विपक्ष के इस आरोप पर कि 'भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है' पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है। उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है और नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है। पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।"
उन्होंने आगे कहा कि "विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था। हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे। उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है, नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है। पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।"
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