श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार की रात्रि में श्रीकृष्ण के बाललीला का वर्णन सुन श्रोता हुए भाव विभोर
ड्रमंडगंज बाजार के मां दुर्गा मंदिर परिसर में शारदीय नवरात्र में चल रहा सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा
Daily News Mirror
मिर्जापुर| 10 अक्टूबर 2024| 10:15 AM| दिलीप दूबे
स्थानीय बाजार में सेवटी नदी के तट पर स्थित मां दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार की रात्रि श्रीकृष्ण के बाललीला का वर्णन सुनकर उपस्थित जनसमूह भाव विभोर हो गया।
कथावाचक पंडित निर्मल कुमार शुक्ल ने श्रीकृष्ण के बाललीला का वर्णन करते हुए कहा कि कंस को जब मालूम हो गया कि देवकी के आठवें संतान का पालन-पोषण गोकुल नंद-यशोदा के घर में हो रहा है तो उन्होंने राक्षसी पूतना को गोकुल में श्रीकृष्ण की जीवनलीला समाप्त करने के लिए भेजा। पूतना एक सुन्दर स्त्री का रूप धारण कर गोकुल में घर -घर घूम कर नवजात शिशुओं को अपनी गोद में लेकर प्यार -दुलार करते -करते उनकी हत्या करने लगी।एक ही दिन में जब दर्जनों नवजात शिशु मर गए तो गोकुल में हाहाकार मच गया। गोकुलवासियों को पता नहीं चल पाया कि एक ही दिन में दर्जनों नवजात शिशु कैसे काल कवलित हो गये। उधर पूतना घूमते -घूमते नंद-यशोदा के घर पर पहुंची और श्रीकृष्ण को भी गोदी मे उठाकर दूध पिलाने लगी। पूतना अपने दोनों स्तनों में विष लगाये हुए थी। पूतना ने श्रीकृष्ण के मुंह में जब अपने स्तन को डाला तो उसे कुछ अलग तरह का अहसास हुआ और वह चिल्लाने लगी। देखते ही देखते वह श्रीकृष्ण को लेकर आकाश में उड़ गई।इधर नन्द में यशोदा के घर हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए आकाश की ओर निहार रहे थे। कुछ देर के बाद लोगों ने देखा कि एक राक्षसी मृत अवस्था में पड़ी हुई है और श्रीकृष्ण उसके ऊपर खेल रहे हैं। नंदबाबा ने श्रीकृष्ण को राक्षसी के ऊपर से उठाकर गले लगा लिया।उस राक्षसी को गोकुलवासियों ने पूतना राक्षसी के रूप में पहचान किया।
श्रीकृष्ण की बाल लीला के वर्णन के बाद एक दिवसीय यजमानों ने मां जगदम्बा की सामूहिक विधिवत आरती -पूजा की। उक्त अवसर पर मुख्य यजमान राजेन्द्र कुमार गुप्त एवं श्रीमती ऊषा देवी, अंकित कुमार केशरी, अध्यक्ष शिवसुंदर सोनू केशरी,शशांक केशरी, आशीष केशरी,ओम चौरसिया, ज्ञान प्रकाश केशरी, कृष्ण गोपाल केशरी, अनिल केशरी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। मां जगदम्बा के प्रधान पुजारी पंडित रमाकांत पाण्डेय ने यजमानों को विधिवत आरती -पूजा करवाया। कार्यक्रम का सफल संचालन कृष्णदास उर्फ पिंटू केशरी ने किया।
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