सुप्रीम कोर्ट में ED साबित नही कर पाई छत्तीसगढ़ के 2000 करोड़ का शराब घोटाला, मामला रद्द

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सुप्रीम कोर्ट में ED साबित नही कर पाई छत्तीसगढ़ के 2000 करोड़ का शराब घोटाला, मामला रद्द
Supreem Court of India

डेली न्यूज़ | mirror

छत्तीसगढ़ | बुधवार, 10 अप्रैल 2024 

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का मामला, जिसमें 2000 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी, सुप्रीम कोर्ट में एक उल्लेखनीय मोड़ ले चुका है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस घोटाले के संबंध में धन शोधन के आरोप लगाए थे, लेकिन अदालत ने इन आरोपों को साबित करने में असमर्थता के कारण मामले को रद्द कर दिया।

आखिर मामला क्या था: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ था। ED ने आरोप लगाया था कि इन दोनों ने अवैध शराब आपूर्ति में लिप्त गिरोह के सरगना के रूप में काम किया और इस प्रक्रिया में धन अर्जित किया।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ द्वारा यह निर्णय दिया कि अपराध से कोई संपत्ति अर्जित नहीं की गई थी, इसलिए धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कोई मामला नहीं बनता।

कानून क्या कहता है: इस निर्णय के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि अगर अपराध से कोई संपत्ति अर्जित नहीं की गई है, तो PMLA के तहत अपराध का मामला ही नहीं बनता। इस निर्णय से न केवल आरोपी पिता-पुत्र को राहत मिली, बल्कि यह भी संकेत मिलता है कि भविष्य में इसी प्रकार के मामलों में अदालतें अधिक सावधानी बरतेंगी।

इसके बाद अब ED ने संकेत दिया है कि वह अतिरिक्त सामग्री बरामद होने के मद्देनजर आरोपियों के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कर सकती है। इससे यह जाहिर होता है कि जांच एजेंसी अभी भी इस मामले को पूरी तरह से बंद नहीं मान रही है और भविष्य में इस मामले में नए मोड़ आ सकते हैं।

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