अब पेपर लीक पर 10 साल की कैद, 1 करोड़ तक का जुर्माना; केन्द्र सरकार ने लागू किया कानून| जानें नकलचियों पर कैसे कसेगा कानून का शिकंजा

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अब पेपर लीक पर 10 साल की कैद, 1 करोड़ तक का जुर्माना; केन्द्र सरकार ने लागू किया कानून| जानें नकलचियों पर कैसे कसेगा कानून का शिकंजा
प्रतीकात्मक फोटो

डेली न्यूज़ मिरर

नई दिल्ली| 22 जून 2024| अनामिका राय

केंद्र सरकार ने NEET, UGC-NET की परीक्षाओं में कथित धांधली को लेकर मचे बवाल के बीच पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने Anti paper leak law 2024 सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 लागू कर दिया है जिसके अंतर्गत आने वाले अपराध अब गैर जमानती होंगे। इस अधिनियम का उद्देश्य देश भर में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकना है। यह कानून इसी साल फरवरी में संसद से पारित हुआ था, जो कि अब 21 जून से प्रभावी हो गया है। 

इस कानून के अंर्तगत प्रावधान:

1. न्यूनतम 3-5 साल के कैद की सजा।

2. पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल के कैद की सजा।

3. न्यूनतम 1 करोड़ के जुर्माने का प्रावधान।

4. यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह कोई संगठित अपराध करता है, जिसमें परीक्षा कराने वाली कोई संस्था, सर्विस प्रोवाइडर शामिल है, तो उन्हें कम से कम 5 साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

5. किसी संस्थान के संगठित पेपर लीक अपराध में शामिल पाए जाने पर उसकी संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने के प्रावधान के साथ परीक्षा की लागत भी उससे वसूली जाएगी।  

अगर कोई परीक्षार्थी परीक्षा के दौरान नकल करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जायेगी। इस कानून के अंर्तगत संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षा और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं इस अधिनियम के अंतर्गत शामिल हैं। परीक्षा में अनियमितता पाए जाने पर डीएसपी या एसीपी रैंक का अधिकारी को इस अधिनियम के तहत किसी भी अपराध की जांच करने की शक्ति होगी। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार के पास किसी भी जांच को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की शक्ति होगी।

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