यूपी की 10 सीटों के उपचुनाव में बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर, अखिलेश पर PDA को साबित करने की चुनौती| जानें किस सीट पर क्या है समीकरण
Daily News Mirror
लखनऊ | 09 जुलाई 2024| सचिन मिश्रा
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव जल्दी ही होने जा रहा है। जहां सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए अपनी साख बचाने की चुनौती होगी, वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित अखिलेश का PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के फार्मूले को आगे बढ़ाने पर जोर होगा। होने वाले उपचुनाव में दलित मतदाता निर्णायक साबित हो सकते हैं। भाजपा और सपा दोनों ही दल दलित मतदाताओं को रिझाने की कोशिश करेंगे तो वहीं उपचुनावों से दूरी रखने वाली मायावती भी इस बार अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं।
यूपी के 10 सीटों पर चुनाव होने हैं। जिसमें सबकी नजर कन्नौज से निर्वाचित सांसद अखिलेश यादव द्वारा खाली की गई मैनपुरी की करहल सीट और फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद खाली हुई मिल्कीपुर की सीट पर होगी। इसके अतिरिक्त फूलपुर, मझवां, मीरापुर, सीसामऊ, गाजियाबाद, खैर, कुंदरकी और कटेहरी सीट पर भी उपचुनाव होना है।
इन 10 सीटों पर 2022 के चुनाव में 5 पर सपा, 3 पर बीजेपी, 1 सीट कर निषाद पार्टी और 1 सीट पर राष्ट्रीय लोक दल ने जीत दर्ज की थी। यूपी में भाजपा की लोकसभा सीटें कम होने पर सीएम योगी पर भी सवाल खड़े किए गए। अब सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी खुद के नेतृत्व को साबित करने का दबाव होगा।
अगर मतदाताओं की बात करें तो इस उपचुनाव में ज्यादातर सीटों पर दलित वोटों का बड़ा प्रभाव है। जहां करहल में यादव मतदाताओं का बोलबाला है, वहीं फैजाबाद के मिल्कीपुर में दलित वोटर्स की संख्या अधिक है। वहीं फूलपुर विधानसभा सीट पटेलों का गढ़ कहा जाता है तो मिर्जापुर के मझवा में पिछड़ी जाति के मतदाता सर्वाधिक हैं।
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