श्रीमद्भागवत कथा: भक्त ध्रुव और प्रह्लाद की कथा सुनकर श्रोता भावविभोर

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श्रीमद्भागवत कथा: भक्त ध्रुव और प्रह्लाद की कथा सुनकर श्रोता भावविभोर
फोटो: पंडित निर्मल कुमार शुक्ल

Daily News Mirror

मिर्जापुर| 06 अक्टूबर 2024| 7:30 PM| दिलीप दूबे

ड्रमंडगंज। दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पंडित निर्मल कुमार शुक्ल ने भक्त प्रह्लाद की कथा का रसपान कराया। उन्होंने कहा कि परमात्मा सर्व व्यापक है और भक्त ध्रुव और प्रह्लाद ने अपनी भक्ति और दृढ़ विश्वास से प्रभु को प्रकट होने पर विवश कर दिया।

कथावाचक ने बताया कि भक्त ध्रुव ने महर्षि नारद से गुरू मंत्र प्राप्त कर कठिन तपस्या की और भगवान ने उन्हें दर्शन दिया। ध्रुव ने 36 हजार वर्ष तक राज्य किया और अंत में बैंकुठ के द्वार पर उन्हें स्थान मिला। आज भी उत्तर दिशा में ध्रुव तारा के रूप में उनका दर्शन होता है।

इसके अलावा, कथावाचक ने भक्त प्रह्लाद की कथा भी सुनाई, जिसमें उन्होंने बताया कि प्रह्लाद बचपन से ही भगवान की भक्ति में लीन रहते थे, लेकिन उनके पिता हिरण्यकश्यप अत्याचारी और नास्तिक थे। प्रह्लाद को जलाने वाली होलिका स्वयं जल गई और प्रह्लाद का बाल बांका नहीं हुआ। अंत में, भगवान नृसिंह प्रकट हुए और हिरण्यकश्यप को फाड़ डाला, और प्रह्लाद को गले लगाकर उनके प्राणों की रक्षा कर परम पद प्रदान किया।

इस अवसर पर राजेंद्र गुप्त, सोनू केशरी, लवकुश केशरी, पिंटू केशरी, अंकित केशरी, कृष्ण गोपाल केशरी, अनूप केशरी, पप्पू केशरी आदि मौजूद रहे।

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