Mirzapur News: मझवां की जंग में बसपा ने बढ़ाई भाजपा की चुनौती
Daily News Mirror
मिर्जापुर| 19 नवंबर 2024| शक्ति तिवारी
उत्तर प्रदेश मिर्जापुर जिले के मझवां विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की सरगर्मी चरम पर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने-अपने प्रचार अभियान चलाए हैं। इस चुनाव में जातीय समीकरण, विकास और रोजगार मुख्य मुद्दे बने हुए हैं।
भाजपा की रणनीति
भाजपा ने अपने शीर्ष नेताओं की फौज झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो जनसभाएं कीं, जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी मतदाताओं को साधने के लिए कई रैलियां कीं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल समेत अन्य नेताओं ने भी क्षेत्र में चुनावी माहौल को भाजपा के पक्ष में करने की कोशिश की है।
सपा की रणनीति
समाजवादी पार्टी ने जातीय गोलबंदी को केंद्र में रखकर प्रचार अभियान चलाया है। अखिलेश यादव ने एक रैली की, जबकि कई अन्य सांसद और विधायक लगातार जनसंपर्क में जुटे रहे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने रोजगार और सामाजिक न्याय को मुख्य मुद्दा बनाकर वोटरों से समर्थन मांगा है।
बसपा की रणनीति
बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण मतदाताओं को साधने के लिए दीपक तिवारी को मैदान में उतारा है। हालांकि, मायावती और अन्य प्रमुख नेताओं की गैरमौजूदगी को लेकर चर्चा गरम है। स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर मायावती ने एक जनसभा भी की होती, तो मुकाबला और कड़ा हो सकता था।
मुख्य मुद्दे
विकास पर केंद्रित उम्मीदें मझवां में मतदाता स्थानीय विकास कार्यों जैसे सड़क चौड़ीकरण, फुटबॉल और क्रिकेट मैदानों की मरम्मत जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दे रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि भाजपा की सरकार होने के कारण विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की संभावना अधिक है। बेरोजगारी और नौकरी में पारदर्शिता की मांग छात्रों और युवाओं के बीच रोजगार व्यवस्था और नौकरी में पारदर्शिता का मुद्दा बड़ा सवाल बना हुआ है।
नतीजा क्या होगा?
अब बारी मतदाताओं की है। उपचुनाव का नतीजा जातीय समीकरण, विकास के वादों और स्थानीय मुद्दों पर निर्भर करेगा।
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