सपा विधायक इरफान सोलंकी आगजनी मामले में दोषी करार, 7 जून को अदालत सुनाएगी सजा, परिजनों ने कोर्ट में किया हंगामा

सपा विधायक इरफान सोलंकी आगजनी मामले में दोषी करार, 7 जून को अदालत सुनाएगी सजा, परिजनों ने कोर्ट में किया हंगामा

डेली न्यूज़ मिरर

कानपुर| 3 जून 2024| दीपेंद्र अवस्थी


कानपुर। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद सपा विधायक इऱफान सोलंकी को अदालत ने आगजनी मामले में दोषी करार दे दिया है। विधायक के साथ-साथ उनका छोटा भाई रिजवान तथा अन्य आरोपियों पर दोष साबित हुआ है। अदालत ने सजा के ऐलान के लिए 7 जून की तारीख को मुकर्रर किया है। अदालत का फैसला आते ही विधायक के परिजनों ने अन्याय का आरोप लगाते हुए कोर्ट परिसर में हंगामा करना शुरू कर दिया। इरफान सोलंकी के गुर्गे इजराइल आटे वाले की पत्नी कोर्ट के फैसले की जानकारी होते ही गश खाकर गिर गई। 
गौरतलब है कि, सीसामऊ क्षेत्र से सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत उनके छोटे भाई रिजवान सोलंकी, शौकत अली, मो. शरीफ और इसराइल आटे वाला पर इरफान की पड़ोसी बुजुर्ग महिला नजीर फातिमा के प्लॉट पर कब्जा करने की नीयत से आगजनी करने का आरोप है। 08 नवंबर 2022 की घटना की एफआईआर दर्ज होने के बाद सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी फर्जी आधार कार्ड बनवाकर फरार हो गए थे। बाद में आत्म समर्पण करने के बाद दो सालों से विधायक महाराजगंज जेल में बंद हैं, जबकि अन्य आरोपी कानपुर जेल में कैद हैं। आगजनी की घटना में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शहर के कई थानों में सपा विधायक के खिलाफ 10 से अधिक मुकदमें दर्ज हुए थे। 
आगजनी मामले में दस तारीखों में फैसला टलने के बाद नजीर फातिमा ने बीते सप्ताह हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर जल्द फैसला सुनाने की गुहार लगाई थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले देर रात कोर्ट की कार्रवाई शुरू हुई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने आगजनी मामले में आईपीसी की धारा 436,427,147,504,506,323 में दोषी करार दिया, जबकि धारा 386,149, 120बी में सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त करार किया गया है। गौरतलब है कि धारा 436 गंभीर धारा है, इसके तहत दस साल की सजा संभव है। ऐसे में इरफान की विधायकी भी खतरे में नजर आती है। 
उधर, कोर्ट का फैसला आने के बाद सपा विधायक इरफान सोलंकी के परिजनों ने कोर्ट में जबरदस्त हंगामा किया। उन्होंने कहा कि इरफान-रिजवान के साथ न्याय नहीं हुआ है। इजरायल आटा वाला की बीवी फैसला सुनते ही गश खाकर गिर गई। हंगामा करने से रोकने पर विधायक के परिजनों ने पुलिस से अभद्र व्यवहार करना चाहा, जिसके बाद दोनों पक्षों में तीखी झड़प हुई।