UP PCS और RO/ARO परीक्षा के नए नियमों को लेकर छात्रों का महा-आंदोलन प्रारंभ

प्रयागराज से लेकर मुखर्जी नगर तक छात्र सड़कों पर उतरे

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UP PCS और RO/ARO परीक्षा के नए नियमों को लेकर छात्रों का महा-आंदोलन प्रारंभ
फोटो: आयोग भवन पर जुटे आंदोलनरत छात्र

Daily News Mirror

प्रयागराज| 11 नवंबर 2024| रोशन तिवारी

पेपर लीक, पेपर रद्द, नया नोटिफिकेशन, नई तारीख़, फिर तारीख़ पर तारीख़. और फिर एक नया नोटिफिकेशन जिसके मुताबिक़ UP PCS( प्रीलिम्स) और RO/ARO(प्रीलिम्स) की परीक्षाएं अब क्रमशः 7/8 दिसंबर और 22/23 दिसंबर को अलग-अलग शिफ्ट्स में आयोजित कराई जाएंगी।

और क्या नया है? नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस। चूंकि अलग-अलग प्रश्न पत्र होंगे, जिसमें एक प्रश्न पत्र दूसरे प्रश्न पत्र के मुक़ाबले आसान या मुश्किल हो सकता है। इस गैप को ब्रिज करने के लिए आयोग ने नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस को अपनाने की बात कही है।

दो दिनों की अलग-अलग शिफ्ट्स में परीक्षाएं आयोजित कराए जाने और नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस को लेकर तैयारी कर रहे छात्र आक्रोशित हैं। इसके खिलाफ 11 नवंबर यानि आज से छात्र प्रयागराज में महा-आंदोलन कर रहे हैं।

छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं एक ही दिन और एक ही पाली में कराई जाएं और नॉर्मलाइजेशन को हटाया जाए। जबकि आयोग का कहना है कि उपयुक्त सेंटर्स की कमी होने के कारण ऐसा कर पाना संभव नहीं है। इससे पहले अक्टूबर में भी सेंटर्स की कमी का हवाला देकर परीक्षा को आगे बढ़ाया गया था।

ये भी बता दें कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि PCS की परीक्षा को दो दिन में आयोजित कराया जाना प्रस्तावित है. फिलहाल, उत्तर प्रदेश के 75 ज़िलों में से 41 ज़िलों में ये परीक्षा कराई जानी है।

PCS प्रीलिम्स की जो परीक्षा मार्च 2024 में होनी थी, स्थगित होते होते दिसंबर 2024 तक पहुँच गई। इसके अलावा, फरवरी 2024 में लीक हुई RO/ARO परीक्षा पहले रद्द की गई। जिसके बाद तारीख बढ़ते- बढ़ते दिसंबर 2024 तक पहुंच गई।

ऐसे में छात्र नाराज़ हैं। अपनी मांगों को लेकर महा आंदोलन करने जा रहे हैं। वहीं, आयोग तय तारीखों पर परीक्षाएं आयोजित कराए जाने की तैयारी कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के एक वर्डिक्ट का भी यहां ज़िक्र करना ज़रूरी है। इसके मुताबिक़, सरकारी नौकरियों के लिए यदि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाए तो रूल्स में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।

इस बीच सवाल उठते हैं कि क्या आयोग के लिए एक दिन और एक ही पाली में परीक्षाएं करवा पाना संभव नहीं है? क्या नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से एरर-प्रूफ है? ये प्रोसेस कितनी ट्रांसपेरेंट और निष्पक्ष होगी? प्रश्न पत्रों में ग़लत सवाल आने की स्थिति में क्या होगा? और, क्या इस विवाद के कारण परीक्षा की डेट को फिर से आगे बढ़ाया जाएगा?

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